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*संतों के दर हर बरस लगेंगे मेले, इस जगत में सच्चा गुरु आत्मज्ञान जागृत कर देता है-बाबा माधवदास साहेब*

*विशाल केक काटकर मना स्वामी बोदाराम साहिब जी का जन्मोत्सव, हुआ विशाल भंडारा*

*संतों के दर हर बरस लगेंगे मेले, इस जगत में सच्चा गुरु आत्मज्ञान जागृत कर देता है-बाबा माधवदास साहेब*

*विशाल केक काटकर मना स्वामी बोदाराम साहिब जी का जन्मोत्सव, हुआ विशाल भंडारा*

खडंवा।। सच्चा गुरु वह है जो व्यक्ति में आत्मज्ञान जागृत कर देता है। सही राह चलने का सामर्थ्य और दिशा देता है। शिष्य के जीवन के अंधकार से भरी दुनिया में जगमगाता प्रकाश देता है, गुरु सदैव हमसे श्रेष्ठ होता है। खुशी दोगे तो खुश रहोगे दुख दोगे तो सहोगे। संतों के दर हर बरस लगेंगे मेले, झुककर ही हम पायेगे आर्शिवाद अकेले। गुरु शब्द की महिमा का बखान एवं जीवन को सुखमय तरीके से बिताने के लिए टिप्स देते हुए यह बात बालकधाम प्रमुख बाबा माधवदास उदासी जी द्वारा तीन दिवसीय जन्मोत्सव के समाप्ति अवसर बडी संख्या में उपस्थित भक्तजनों को गुरु नाम के महत्व को समझाते हुए कही। बालकधाम प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि कोटा राजस्थान के भगत लखमीचंद द्वारा प्रवचनों में कहा कि आज का इंसान दुसरों के सुखों को देखकर दुखी है। हमें कभी भी गलत रास्ते को नहीं अपनाना चाहिए। रात्रि 2 बजे रंगारंग गगनभेदी आतिशबाजी के मध्य विशाल केक काटकर स्वामी बोदाराम साहिब जी का 112 वां जन्मोत्सव महोत्सव के रूप में मनाया गया। इस मौके पर पूज्य सिंधी पंचायत एवं श्री झुलेलाल समर्थ पैनल के पदाधिकारियों एवं सदस्यों व्दारा शाल श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। वही भजन गायक लखमीचंद व्दारा जहखे बोदाराम जो मिलो प्यार आ वो बई हथ्थ मथे करे, सिंधी अबाडी बोली मिठडी अबाडी बोली आदि सहित अनेक सुंदर भजनों, कलामों लोकगीतों की प्रस्तुतियां एवं साथी कलाकारों व्दारा माता नवदुर्गा, श्री रामचंद्र जी एवं पैसों आ पैसो आ आदि गीतों सुंदर प्रस्तुतियों के दौरान उपस्थित श्रद्धालुजनोंको जमकर झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के दौरान गोवर्धन वाधवानी, लालचंद जेठवानी, डा. गोपीचंद जग्यासी, लखू कोटवानी, ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ मनोज जीवतानी, सच्चानंद वाधवानी, जोधाराम ईसरानी, हरीश तलरेजा, मोहन दीवान, मनोहर संतवानी, नारायणदास चावला, महेश चंदवानी, जेठानंद हरचंदानी, गोपाल जेठवानी, मोहन गंगवानी, हरीश बुलानी, विक्की गिदवानी, ईशान दरड़ा भुसावल, किशनचंद कोटवानी, संजय, दीपू सबनानी, संतोष मोटवानी, शंकर जेठवानी, निर्मल मंगवानी, अशोक हेमवानी, अशोक मंगवानी, मनोहरलाल सबनानी, अजय गेलानी, जितेंद्र मंगवानी, मुकेश, राकेश चंचलानी, रोहित आरतवानी, माता बहनों आदि सहित देश-विदेश एवं आसपास के नगरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शामिल हुए।

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